Mangal Shanti
मंगल शांति पूजन क्यों किया जाता है ?
जन्म पत्रिका में प्रथम चतुर्थ सप्तम एवं अष्टम व द्वादश स्थान पर मङ्गल होने से पत्रिका मांगलिक होती है।अतः मंगल दोष की शान्ति व प्रसन्नता के लिए मंगल भातपूजन जाप अनुष्ठान किया जाता है।जिससे जातक को जो विघ्न बाधा आरही है वह शीघ्र दूर होकर शुभ फल की प्राप्ति होती है।
मंगल भातपूजन करने के विशेष लाभ ?
विवाह में विलम्ब होने पर भगवान मंगल का भातपूजन यानि मंगल शांति अनुष्ठान किया जाता है।
रोग होने पर रोग निवारणार्थ मंगल पूजन करना चाइये।
ऋण होने पर भी भगवान मंगल की आराधना ऋणहरण मंगल स्तोत्र का पाठ करना श्रेष्ठ होता है।
वर या वधु की जन्म कुंडली मे सप्तम भाव मे मंगल होने पर वर का अर्क विवाह व वधु का विष्णु विवाह सविधि करना चाइये।
भूमि भवन आदि कार्यो में रुकावट आरही हो तो भी मंगल भगवान का पूजन करना चाइये।
मंगल पूजन यानी भातपूजन के लिए श्रेष्ठ स्थान ?
भगवान मंगल का पूजन अवंतिका उज्जैन में मंगल ग्रह के जन्म स्थान मंगलनाथ व अंगारेश्वर महादेव मंदिर पर किया जाता है।जिससे शीघ्र ही भगवान प्रसन्न हो कर मनोभिलषित कामना पूर्ण होती है।
यहाँ भगवान मंगल स्वयंभू रूप से विराजित है।
पूजन हेतु संपर्क करें--
वैदिक आचार्य डॉ.राम नागर उज्जैन
मोबाईल नम्बर --- 9425380557
Gmail----- panditramujjain@gmail.com